आपके आंखों मे है नमी
शायद मुझ ही मे है कुछ कमी
जो आपका दर्द न समझ सका
आपकी आँखों को न पढ़ सका
आसु, nadan कहा samjh sakey,
voh भी मर्द, जो इस पानी से darey,
आप आए apney को अलविदा कह के,
hamari zindgi को sawarney,
हम ने आप को संपत्ति समझी,
पर संपत्ति के sapne नही समझे,
अपने डर को gussa बनाया,
apko dhal अपने को तलवार बनाया,
hum nadan इतना न कर सके,
अपनी भूल को ख़ुद ही maaf न कर सके,
आप मे है ज़्यादा himmat,
आप ही धीरज रखे,
hamey karney दे गलती,
और hamey maf करे.
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1 comment:
पल-पल में मेरे शब्द
अर्थ बदल जाते हैं
कल मेरे साथ थे
आज चिड़ाते हैं
सब समय का खेला है
जीवन को मैनें तो
ऐसे ही धकेला है
बिल्कुल अकेला है
कहानी
ये किस की है
तेरी या मेरी।
द्वारा
http://paramjitbali-ps2b.blogspot.com/
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